प्रस्तावना
एनएफएल एक अनुसूची ’क’ और एक मिनी रत्न (श्रेणी-1) कम्पनी है जिसका पंजीकृत कार्यालय नई दिल्ली में है। कम्पनी 23 अगस्त 1974 को निगमित की गई थी। इसका कारपोरेट कार्यालय नोएडा (उ.प्र.) में है। इसकी प्राधिकृत पूंजी ₹1000 करोड़ और पदत्त पूंजी ₹490.58 करोड़ है जिसमें से 74.71% हिस्सा भारत सरकार का है और 25.29% हिस्सेदारी वित्तीय संस्थाओं तथा अन्य द्वारा धारित है।
परिकल्पना एवं लक्ष्य
कम्पनी की एक परिकल्पना अर्थात् "सभी पणधारियों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ उर्वरकों एवं अन्य में अग्रणी भारतीय कम्पनी बनना।" और एक लक्ष्य "कृषि समुदाय तथा अन्य ग्राहकों को उर्वरकों तथा अन्य उत्पादों एवं सेवाओं की समय से आपूर्ति द्वारा उनकी संतुष्टि के अनुरूप उनकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध, गुणवत्ता, सुरक्षा, नैतिकता, व्यावसायिकता, पारिस्थितिकी के प्रति सरोकार सहित ऊर्जा संरक्षण में उच्चतम मानकों को प्राप्त करने और पणधारियों को अधिकतम रिटर्न देने हेतु निरंतर प्रयत्नशील एक गतिशील संगठन बनना" है।
विनिर्माण संयंत्र
एनएफएल के पांच गैस आधारित यूरिया संयंत्र अर्थात् पंजाब में नंगल तथा बठिंडा संयंत्र, हरियाणा में पानीपत संयंत्र और मध्य प्रदेश के गुना जिले में विजयपुर में दो संयंत्र हैं। पानीपत, बठिंडा तथा नंगल संयंत्रों का वर्ष 2012-13/2013-14 के दौरान पुनर्निर्माण कर फीड स्टॉक को ईंंधन तैल से परिवर्तित कर प्राकृतिक गैस किया गया। वर्ष 2012-13 के दौरान कम्पनी के विजयपुर संयंत्र का भी ऊर्जा बचत और क्षमता वृद्धि के लिए पुनर्निर्माण किया गया, इस प्रकार इसकी कुल वार्षिक क्षमता 17.29 एलएमटी से बढ़कर 20.66 एलएमटी हो गई। ये बढ़त 20% की है। इस समय कम्पनी की कुल वार्षिक संस्थापित क्षमता 35.68 एलएमटी यूरिया (पुनर्मूल्यांकित क्षमता 32.31 एलएमटी) की है जिसके कारण कम्पनी देश में कुल यूरिया उत्पादन के लगभग 16% हिस्से के साथ देश में दूसरी सबसे बड़ी यूरिया उत्पादक कम्पनी है। कम्पनी की विजयपुर में एक जैव-उर्वरक संयंत्र है जिसकी कुल क्षमता 600 एमटी ठोस तथा द्रव जैव-उर्वरक की है, जहां जैव-उर्वरक की चार किस्में अर्थात् पीएसबी, रायज़ोबियम, अज़ोटोबैक्टर तथा ज़ेडएसबी का उत्पादन किया जाता है। कम्पनी का पानीपत यूनिट में एक बेंटोनाइट सल्फर संयंत्र है जिसकी वार्षिक क्षमता 25000 एमटी प्रति वर्ष है|
उत्पाद
एनएफएल नीम लेपित यूरिया, जैव उर्वरकों की चार किस्मों (ठोस एवं द्रव), बेंटोनाइट सल्फर और अमोनिया, नाइट्रिक एसिड, अमोनियम नाइट्रेट, सोडियम नाइट्रेट और सोडियम नाइट्राइट जैसे संबद्ध औद्योगिक उत्पादों विनिर्माण एवं विपणन में संलिप्त है। कम्पनी बाजार में ’किसान’ ब्रांड नाम से लोकप्रिय है।
कम्पनी ने अपने बीज गुणन कार्यक्रम के अंतर्गत अपने स्वयं के ‘किसान बीज’ ब्रांड नाम से बिक्री के लिए प्रमाणित बीजों का उत्पादन भी कर रहा है।
आयात एवं ट्रेडिंग
विनिर्माण व्यापार के अलावा, कम्पनी सिंगल विण्डो की अवधारणा के तहत अपने सम्पूर्ण भारत में मौजूद डीलरों के नेटवर्क के माध्यम से गैर-यूरिया उर्वरकों, प्रमाणित बीजों, कृषि रसायनों, बेंटोनाइट सल्फर, सिटी कम्पोस्ट जैसे विभिन्न आवकों के आयात एवं ट्रेडिंग द्वारा अपने व्यापार का विस्तार भी कर रही है।
विपणन व्यवस्था
एनएफएल के विपणन नेटवर्क में नोएडा स्थित केन्द्रीय विपणन कार्यालय, भोपाल, लखनऊ, चण्डीगढ़ और हैदराबाद में चार आंचलिक कार्यालय, 15 राज्य तथा 3 संघ राज्य क्षेत्र कार्यालय और 35 क्षेत्रीय कार्यालय शामिल हैं, जो एनएफएल के विपणन क्षेत्र में फैले हुए हैं।
कम्पनी की 10 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं (6 अचल तथा 4 सचल) हैं जिनकी मैक्रो पोषक तत्वों के लिए लगभग 65000 सैंपल और माइक्रो पोषक तत्वों के लिए 10000 सैंपल के परीक्षण की वार्षिक क्षमता है। ये संतुलित उर्वरण को सुगम बनाने हेतु किसानों की सहायता करने के लिए मृदा स्वास्थ्य की जांच के लिए पूर्णतया समर्पित हैं।
अनुसंधान केन्द्र
कम्पनी की प्रत्येक विनिर्माण यूनिट अर्थात् नंगल, पानीपत, बठिंडा तथा विजयपुर के साथ-साथ कारपोरेट कार्यालय (नोएडा) में भी आरएण्डडी व्यवस्था है जो मुख्यतः नवीन, कुशल एवं अधिक सुरक्षित प्रसंस्करणों, मूल्य संवर्द्धित उत्पादों के विकास पर केन्द्रित है और इनके लिए विभिन्न अभिनव अध्ययन आरम्भ करती हैं, और ऊर्जा बचत योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए सुझाव देती है।
ऊर्जा बचत योजनाओं का कार्यान्वयन
नवीन यूरिया नीति, 2015 के तहत भारत सरकार द्वारा 01-04-2020 से निर्धारित सख़्त ऊर्जा मानदण्डों की पूरा करने के लिए, कम्पनी ऊर्जा बचत योजनाओं के कार्यान्वयनअर्थात् पानीपत, बठिंडा तथा नंगल यूनिटों पर 675 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर हीट रिकवरी स्टीम जनरेशन यूनिट के साथ-साथ गैस टरबाइन जनरेटर की संस्थापना की प्रक्रिया में है।
कम्पनी विजयपुर-I तथा II में आगे 235 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से ऊर्जा की खपत को और अधिक कम करने के लिए भी ऊर्जा बचत योजनाओं को लागू करने जा रही है।
निवेश
परिकल्पित निवेश
संयुक्त उद्यम
एनएफएल ने रामागुण्डम में पुराने एफसीआईएल संयंत्र के पुनरुद्धार के लिए मेसर्स ईआईएल तथा मेसर्स एफसीआईएल के सहयोग से रामागुण्डम फर्टिलाइज़र्स एण्ड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) के रूप में एक संयुक्त उद्यम कम्पनी का गठन किया है। इस संयुक्त उद्यम में एनएफएल तथा ईआईएल प्रत्येक द्वारा 26%, एफसीआईएल द्वारा 11%, तेलंगाना की राज्य सरकार द्वारा 11%, गेल द्वारा 14.3% और एचटीएएस केज़ोर्टियम द्वारा 11.7 % की इक्विटी प्रतिभागिता है। इस संयंत्र की वार्षिक यूरिया क्षमता 12.71 एलएमटी होगी। परियोजना की शून्य तिथि 25 सितम्बर, 2015 है और इसके मई 2020 तक पूरे होने की संभावना है। परियोजना का कार्य प्रगति पर है।
कृषि विस्तार सेवाएं
कम्पनी, किसानों को मृदा की उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए खेती के उन्नत एवं वैज्ञानिक तरीकों से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी सहित उर्वरकों के उचित प्रयोग के संबंध में शिक्षित करने जैसी अनेक कृषि विस्तार सेवाएं प्रदान करने में भी प्रमुख भूमिका निभा रही है। कम्पनी उर्वरकों के संतुलित प्रयोग के लिए अपनी अचल एवं सचल मृदा परीक्षण गाड़ियों के माध्यम से मैक्रो एवं माइक्रो पोषक तत्वों के मृदा विश्लेषण कर किसानो की मदद कर रही है।
कम्पनी किसानों के साथ प्रत्यक्ष एवं प्रभावी सम्प्रेषण के लिए अग्रणी कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित विभिन्न कृषि मेलों में भाग लेती है।
सतत विकास
सतत विकास की दिशा में , एनएफएल ने पर्यावरण प्रबंध, ऊर्जा संरक्षण तथा सामाजिक उत्थान कें लिए सर्वोत्तम व्यवहार अपनाने के लिए अनेक उपक्रम किए हैं। इनमें से कुछ हैं - अपने तीन ईंधन तैल आधारित संयंत्रों को स्वच्छतर एवं हरित प्राकृतिक गैस में परिवर्तित करना, कोयला प्रज्ज्वलित बॉयलरों में "तैल सपोर्ट" को "गैस" में स्विच करना, कारपोरेट कार्यालय तथा बठिंडा यूनिट में 100 केडब्ल्यू तथा 90 केडब्ल्यू के सौर विद्युत संयंत्र की स्थापना। कम्पनी कार्बन फूटप्रिंट्स को कम करने के प्रयास में अपने संयंत्रों, कार्यालयों तथा टाउनशिपों में एलईडी लाइट को भी बढ़ावा दे रही है।
कारपोरेट सामाजिक दायित्व
कम्पनी समाज के प्रति भी उतनी ही प्रतिबद्ध है और अपने प्रचालनों के सभी पहलुओं में अपनी गतिविधियों के ग्राहकों, कर्मचारियों, शेयरधारकों, समुदायों तथा पर्यावरण पर प्रभाव के लिए जिम्मेवारी लेती है। मुख्यतः बाल शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आदि जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देने के अलावा, कम्पनी प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का इरादा भी रखती है ताकि उनका कुशल एवं सतत प्रयोग किया जा सके। कम्पनी ने पुराने एवं अवक्रमित जल निकायों के नवीकरण एवं अनुरक्षण, केन्द्रीय भारत के पानी की अत्यधिक कमी वाले क्षेत्रों में स्टॉप डैम के निर्माण द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में पहल की है। कम्पनी वृद्धाश्रमों और उन सुदूर एवं पिछड़े गांवों में जहां बिजली एक प्रमुख समस्या है, सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम, सोलर लाइट, सोलर लालटेन आदि लगाकर ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोतों की शुरुआत हेतु भी स्पष्ट रास्ता अपना रही है।
मानव शक्ति की स्थिति
दिनांक 31-01-2020 को कम्पनी की मानव शक्ति 01-04-2019 के 3387 की तुलना में 3408 थी।